Wednesday, October 16, 2024

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अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम्     ॥     अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम्     ॥     अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम् ॥

परिचय

बजरंग सेवा दल भारत के सांस्कृतिक संरक्षण व विस्तार के प्रति समर्पित एक सांस्कृतिक संगठन है जो कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर व उसकी पहचान तथा विविधता के ऊपर हो रहे निरन्तर कुठाराघात व उसके विरूद्व षडयंत्रों की पहचान कर उसे निष्क्रिय करने व जन-जन में भारतीय संस्कृति व सभ्यता तथा गौरवपूर्ण इतिहास की चेतना जगाने हेतु गठित किया गया है। 

बजरंग सेवा दल का गठन, सनातन संस्कृति के प्रति जनमानस को जागरूक करने, हिन्दू हितों का संरक्षण, धर्म की रक्षा व राष्ट्रª को सशक्त करने के साथ-साथ आपदा के दौरान/पश्चात् सामाजिक-आर्थिक संतुलन को बनाये रखने हेतु 22 मार्च, 2022 को बजरंग बली के आशीर्वाद और उनके भक्तों के सहयोग और समर्थन से हुआ। बजरंग सेवा दल सशक्त, सुदृढ़, स्थायी व प्रगतिशील भारत के साथ-साथ अखण्ड सनातन भारत निर्माण के प्रति पूर्णतया समर्पित संगठन के रूप में कार्य कर रहा है।

उद्देश्य

बजरंग सेवा दल सनातनी मूल्यों, सांस्कृतिक धरोहरों, पावन परम्पराओं की रक्षा के लिये धार्मिक यात्राओं, गोवंश संरक्षण, नदियों की स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, धर्मान्तरण, लव जिहाद, आतंकवाद, रोहंगियों और बांग्लादेशियों के अवैध घुसपैठ व अन्य समसामयिक मुद्दो को उठाकर गोष्ठी, उन्मुखीकरण कार्यशाला व जागरूकता अभियान के माध्यम से हिंदू एकता को पुनर्जाग्रत करने के लिये सतत् प्रयासरत् है।  

उपर्युक्त अभियान के साथ-साथ बजरंग सेवा दल समाज में व्याप्त अस्पृश्यता, विभेदीकरण, पारिवारिक विघटन, लिंग भेद, जनरेशन गैप व अन्य सामाजिक कुरीतियों के जड़ से उन्मूलन के साथ-साथ समावेशी शिक्षाकरण, आधुनीकीकरण, भूमण्डलीकरण एवं डिजिटलाइजेशन हेतु शासकीय व गैरशासकीय योजनागत् और आयोजनागत् कार्यक्रमों के माध्यम से निरन्तर क्रियाशील रहेगी।

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