Thursday, November 21, 2024

Buy now

अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम्     ॥     अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम्     ॥     अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम् ॥

सनातन संस्कृति में गुरु की भूमिका ईश्वर से भी ऊँची बताई गयी है और वर्तमान में कालजयी गुरु श्री रामदूत हनुमान जी की शरण लेने के अतिरिक्त अन्य कोई सहारा नहीं है | हममें से ज्यादातर लोग हनुमान चालीसा को भी यंत्रवत दुहरा देते हैं किन्तु उसकी गहराई में छिपे हुए तथ्य को नहीं समझ पाते यही स्थिति सुन्दरकाण्ड के साथ भी है हालांकि ये भी सर्वविदित है कि केवल इनका पाठ मात्र भी कर लेने से हमें असीम आनंद प्राप्त होता है तथा हमारी सभी बाधाएं शांत हो जाती हैं| बजरंग सेवा दल की सुन्दरकाण्ड समिति का एकमात्र उद्देश्य सम्पूर्ण सनातन समाज में ईश्वरीय तरंग को संचारित करना है साथ ही वर्तमान और भावी पीढ़ी को अपने धर्म के तत्व ज्ञान से परिचित करा कर उनमे आत्मबल का सृजन कर भविष्य के सभी शारीरिक और मानसिक कष्टों से निजात पाने हेतु तैयार करना है | 

अतएव सुन्दरकाण्ड समिति ने प्राथमिक चरण में प्रत्येक सनातनी को द्वार -द्वार अभियान के माध्यम से जागृत कर प्रत्येक मंगलवार को हर गली / मोहल्ले में एक साथ किसी स्वयं सेवी कार्यकर्त्ता के घर या क्षेत्र के मंदिर में संगठित कर समवेत स्वर में सुन्दरकाण्ड का पाठ करा रहा है साथ ही इससे जुड़े रहस्यमयी ज्ञान को प्रत्येक ब्यक्ति के चेतना स्तर अनुसार ग्राह्य बनाने का पुरजोर प्रयत्न कर रहा है…… 

इस ज्ञान को चतुर्दिश प्रसारित करने हेतु इस अभियान में आप सभी आत्मीय और प्रभुप्रेमी भक्तों का आवाहन और स्वागत है

error: Content is protected !!