Wednesday, October 16, 2024

Buy now

अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम्     ॥     अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम्     ॥     अविज्ञाय नरो धर्मं दुःखमायाति याति च । मनुष्य जन्म साफल्यं केवलं धर्मसाधनम् ॥

वर्तमान में हिन्दू समाज के अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को एक अच्छी नौकरी के लिये मन लगाकर पढ़ने को प्रेरित करने के सिवाय न ही कोई लक्ष्य रह गया है और न ही उद्देश्य, जिसके परिणाम स्वरूप इन युवाओं को जब नौकरी समय से नहीं मिलती तो यह मानसिक अवसाद से ग्रस्त हो जाते हैं। जहॉं तक नौकरी का प्रश्न है तो सर्वप्रथम सरकारी नौकरी सबको मिल नहीं सकती और गैैर सरकारी नौकरी की भी एक सीमा है इसके बावजूद भी अवसर की कमी नहीं है। लेकिन यह अवसर भी परम्परागत् शिक्षारत् युवकों के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसी स्थिति में युवाओं की आधी उम्र तो यूं ही बर्बाद हो जाती है। 

उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत् रखते हुए बजरंग सेवा दल ने आर्थिक आत्मनिर्भरता हेतु  एक सर्वे अभियान चलाया जिसके अन्तर्गत विशेषकर शहरी क्षेत्रों में सब्जी मंडी, फल मंडी, अनाज मंडी….. जितनी भी रोजमर्रा की वस्तुएं है इन पर बड़ी ही खामोशी से एक विशेष वर्ग कब्जा करता चला जा रहा है ठीक उसी प्रकार जैसे विगत् कुछ वर्षों में आपकी जरूरत की हर छोटी बड़ी चीज की पूर्ति चाईना के नियंत्रण में हो गयी। 

इसके लिये कौन जिम्मेदार…………..सरकार या जनता?
यदि सरकार तो उसे किसने चुना?…………….. जनता ने!

यहॉं हम इस राजनैतिक सवाल जबाब में उलझने के बजाय प्रत्येक सनातनी अपनी भूमिका और उत्तरदायित्व को समझें और एकजुट होकर बिना किसी भेदभाव के राष्ट्रहित में संकल्प लें कि अब हम इसके विरूद्ध  युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान के साथ-साथ इसके निराकरण का भी प्रयास करेंगे और इसी क्रम में सर्वप्रथम –    

  • स्वदेशी उत्पादों पर विशेष जोर देते हुए गैर स्वदेशी उत्पादों के बहिष्कार हेतु अभियान 
  • उक्त अभियान के साथ-साथ स्वदेशी उत्पादों के उत्पादन पर विशेष जोर।
  • स्वदेशी उत्पादों के निर्माण के साथ-साथ विपणन प्रणाली हेतु आवश्यक परम्परागत, गैर परम्परागत, आधुनिक और उत्तर आधुनिक तकनीकी पर व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन, संचालन और संरक्षण।
  • मध्यमवर्गीय परिवारों के हितों के संरक्षण के साथ-साथ स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर बनाने हेतु सहायता समूहों के माध्यम से सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं यथासंभव उपयोग।
  • प्रत्येक स्तर पर जैसे – नाई, कुम्भार, सब्जी विक्रेता, फल विक्रेता, तकनीकी रूप से कार्य (गाड़ी, फ्रिज, पंचर….. आदि) करने हेतु हिन्दू युवाओं/युवतियों को प्रेरित करने के साथ-साथ सहयोग और संरक्षण प्रदान करना।
  • पटरी दुकानदुार से लेकर मंडी स्तर तक अशिक्षित और बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन के माध्यम से उनके उज्जवल भविष्य हेतु यथासंभव प्रयास।
  • किसानों को सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता जैसे – उन्नत बीज, खाद, कई प्रकार की बीमा योजनाओं के साथ-साथ उपज के उचित मूल्य हेतु संस्थागत समितियों का गठन कर प्रत्येक स्तर पर अवरोधों को दूर करने की प्रतिबद्वता।
  • लघु एवं कुटीर उद्योगों को शासकीय और गैरशासकीय योजनाओं के माध्यम से संचालन हेतु बेरोजगार शहरी और ग्रामीणों को प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन के साथ-साथ व्यापक स्तर पर समर्थन।

उपर्युक्त सर्वे के आधार पर बजरंग सेवा दल ने गोष्ठी, संवाद और जागरूकता अभियान के माध्यम से सनातनियों के पारम्परिक रोजगार के अवसरों को संरक्षित करने के साथ-साथ युवक/युवतियों को बेरोजगारी की विभित्सिका से बचाने और उनके उज्जवल भविष्य हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें स्वरोजगार हेतु प्रेरित करने का निर्णय लिया है। इस अभियान में सभी हिन्दू भाई बहनों का तन, मन, धन से सहयोग और समर्थन अपेक्षित है। 

error: Content is protected !!